

कब्ज रोगियों के लिए आहार योजना:- कब्ज पेट से जुड़ी कई बीमारियों की जड़ है। आज के समय में ज्यादातर लोग सुबह पेट की ठीक से सफाई न करने और शौच करते समय परेशानी होने से परेशान रहते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अनियमित जीवनशैली और खराब खान-पान कब्ज का मुख्य कारण है। अगर आप अपने खान-पान और जीवनशैली का खास ख्याल रखेंगे तो कब्ज की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पाया जा सकता है। इस लेख में हम बता रहे हैं कि कब्ज के मरीजों को अपनी डाइट कैसी रखनी चाहिए और जीवनशैली में क्या बदलाव करना चाहिए।
कब्ज़ होने पर क्या खाएं
कब्ज के रोगियों को इन चीजों को अपने दैनिक आहार में शामिल करना चाहिए।
- दलिया जैसा व्यंजन: पुराना शाली चावल, गेहूं
- दाल: अरहर, मूंग दाल
- फल सब्जियां: हरी सब्जियां, पपीता, लौकी, तरोई, परवल, करेला, कद्दू, गाजर, मूली, खीरा, पत्ता गोभी, हरी पत्तेदार सब्जियां
अन्य उपाय:
- बहुत सारा पानी पीजिये।
- रेशेदार (फाइबर युक्त) फल खाएं।
- भोजन के साथ एक चम्मच घी लें।
- सोते समय त्रिफला, हरीतकी, अभ्यासिष्ट चूर्ण का सेवन करें।
कब्ज होने पर क्या नहीं खाना चाहिए
अगर आप कब्ज से परेशान हैं तो इन चीजों के सेवन से बचें।
- दलिया जैसा व्यंजन : आटा, नया चावल
- दाल : मटर, काला चना
- फल सब्जियां: केला, आलू, आलू
- अन्य आइसक्रीम, डिब्बाबंद भोजन, तैलीय और मसालेदार भोजन, अचार, तेल, घी अतिरिक्त नमक, शीतल पेय, बेकरी उत्पाद, जंक फूड
कब्ज के इलाज के दौरान अपनाएं ये डाइट प्लान
सुबह उठकर बिना ब्रश किए खाली पेट 1-2 गिलास गुनगुना पानी पिएं और नाश्ते से पहले पतंजलि आंवला और एलोवेरा स्वरस पिएं।
आहार चार्ट
समय | संतुलित आहार योजना |
नाश्ता (सुबह 8:30 बजे) | 1 कप कम दूध पतंजलि दिव्य पेय , पतंजलि आरोग्य दलिया / पोहा / उपमा (सूजी) / हरी सब्जी + 2-3 रोटी (पतंजलि मिश्रित अनाज का आटा ) + 1 कप हरी सब्जियां (उबले हुए) फलों का सलाद (केला, सेब, पपीता) |
दिन का लंच (12:30-01:30 अपराह्न .) | 1-2 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज का आटा ) + 1 कटोरी चावल (बिना स्टार्च के) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1 कटोरी दाल, मूंग (पतली) + मट्ठा / छाछ |
शाम का नाश्ता (दोपहर 3:30 बजे) | 1 कप कम दूध पतंजलि दिव्य पेय /सब्जियों का सूप |
रात का खाना (7:00 – 8:00 बजे) | 2-3 पतली रोटियां (पतंजलि मिश्रित अनाज का आटा ) + 1 कटोरी हरी सब्जियां (उबली हुई) + 1 कटोरी दाल (पतली) + 1 कप चावल (बोनलेस) |
रात से पहले (सोने से 30 मिनट पहले) रात 10:00 बजे | 1 गिलास दूध + 7-8 किशमिश / 5-10 मिली अरंडी का तेल |
कब्ज होने पर अपनाएं ये लाइफस्टाइल
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार कब्ज से छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपचार के साथ-साथ जीवनशैली में बदलाव करना जरूरी है।, जीवनशैली में कुछ प्रमुख परिवर्तन नीचे सूचीबद्ध हैं:
- रोजाना व्यायाम करें और कुछ देर टहलें।
- भोजन समय से करें और दूसरा भोजन पहले किया हुआ भोजन पचने के बाद ही करें।
- देर रात तक जागने से बचें।
- तनाव मुक्त जीवन जीने की कोशिश करें।
- रोजाना सुबह योग करें।
कब्ज में ध्यान रखने योग्य बातें
उपरोक्त बातों के अलावा कब्ज के रोगियों को भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए।,
- प्रतिदिन ध्यान और योग का अभ्यास करें।
- ताजा और हल्का गर्म खाना खाएं।
- शांत, सकारात्मक और प्रसन्न मन से शांत स्थान पर धीरे-धीरे भोजन करें।
- दिन में तीन से चार बार भोजन अवश्य करें।
- किसी भी समय भोजन न छोड़ें और अत्यधिक भोजन से बचें
- सप्ताह में एक बार उपवास करें।
- एक तिहाई या एक चौथाई पेट खाली छोड़ दें, यानी भूख से थोड़ा कम खाना खाएं।
- भोजन को अच्छी तरह चबाकर धीरे-धीरे खाएं।
- खाना खाने के बाद 3-5 मिनट टहलें।
- सूर्योदय से पहले उठें [5:30 – 6:30 am]
- दिन में दो बार ब्रश करें।
- रोजाना जीभ साफ करें।
- खाना खाने के बाद थोड़ी देर टहलें और रात को सही समय पर सोएं [9- 10 PM]
योग और आसनों से करें कब्ज का इलाज
कब्ज से राहत पाने के लिए निम्न योगासन नियमित रूप से करें।
- योग प्राणायाम और ध्यान: भस्त्रिका, कपालभाति, बह्यप्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी, उद्गीता, उज्जयी, प्रणव जप
- आसनपश्चिमोत्तानासन, गोमुखासन, सर्वांगासन, कंधारासन, पवनमुक्तासन